दुनिया भी हैरान: अशांत और परेशान पड़ोसी देशों के साथ मदद के लिए तैयार है भारत

भले ही पाकिस्तान आए दिन भारत के खिलाफ एक नई साजिश रचता हो इसके बाद भी भारत उसके संकट में साथ खड़ा दिखाई देता है। श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान गहरे राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इनके बीच भारत की स्थिर और सुरक्षित स्थिति एक बार फिर साबित करती है कि देश में लोकतांत्रिक जड़े कितनी मजबूत हैं। जबकि इसके पड़ोसियों की बस एक ही कोशिश दिखती है कि चाहे नाममात्र की सही लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम रहे। 

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जनाक्रोश देखने को मिल रहा है। यहां पिछले कई दिनों से प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। लोग सिंधु नदी पर बन रही है 6 नहर परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि ये नहरें सिंध को उसके पानी से हमेशा के लिए वंचित कर देगी। इन सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या देश अपनी अखंडता को सुरक्षित रख पाएगा। अफगानिस्तान के साथ इस्लामाबाद के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। पाक-अफगान बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण हैं। 

पाकिस्तान की हालत शायद सबसे खराब है। देश की अर्थव्यस्था लड़खड़ा रही है वहीं बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी आवाजें जोर पकड़ रही हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे चरमपंथी संगठन सीधे सरकार को चुनौती दे रहे हैं। देश के सबसे बड़े प्रांत में चीन ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है अगर इस प्रांत में हिंसा बढ़ती है तो बीजिंग अपने कदम खींच सकता है जो इस्लामाबाद के लिए सबसे बड़ा झटका होगा।

श्रीलंका को पिछले कुछ वर्षों में गंभीर आर्थिक संकट, भारी ऋण, भुगतान संतुलन का संकट, आवश्यक वस्तुओं की कमी, राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा है। देश अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है लेकिन ऐसा लगता है कि उसकी चुनौतियां कम नहीं हो रही हैं। चीन का साथ उसे रास नहीं आ रहा है। वहीं चीन को भी श्रीलंका की मदद भारी पड़ती दिख रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका के एक्सटर्नल लोन रिस्ट्रक्चरिंग (बाह्य ऋण पुनर्गठन) से चीन को लगभग 7 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। श्रीलंकाई वायुसेना का चीन निर्मित एक और प्रशिक्षण विमान शुक्रवार को क्रैश हो गया। वारियापोला क्षेत्र में चीन निर्मित के-8 प्रशिक्षण विमान क्रैश हो जाने के बाद सेवा में अन्य विमानों की सुरक्षा और संचालन तैयारी को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। फिलहाल भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बांग्लादेश के अस्थिर हालात है। पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद से देश का लोकतांत्रिक ढांचा चरमरा गया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार लगभग हर मोर्च पर नाकाम हो रही है। 

27 मार्च 2025