महाकुंभ में महाशिवरात्रि और स्नान को लेकर पूरे प्रयागराज को किया नो व्हीकल जोन

-जरुरी वस्तुएं ले जाने की छूट, मेला प्रशासन ने सहयोग करने का किया आग्रह 

प्रयागराज। महाकुंभ मेला क्षेत्र मंगलवार शाम 4 बजे से नो व्हीकल जोन होगा। वहीं, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए शाम 6 बजे से पूरा प्रयागराज नो व्हीकल जोन हो जाएगा। प्रशासन ने भीड़ की सुचारू आवाजाही के लिए ये प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, जरुरी वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी। 

कुंभ मेला पुलिस के मुताबिक प्रशासन ने सभी आगंतुकों से दिशा-निर्देशों का पालन करने और अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है। इसमें कहा गया है कि श्रद्धालुओं को अपने प्रवेश बिंदु के आधार पर नजदीक के घाटों पर ही स्नान करना चाहिए। दक्षिणी झूंसी मार्ग से आने वाले अरैल घाट का इस्तेमाल करें, जबकि उत्तरी झूंसी मार्ग से आने वालों को हरिश्चंद्र घाट और पुराने जीटी घाट की ओर जाना चाहिए। परेड क्षेत्र के प्रवेशकों को भारद्वाज घाट, नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, राम घाट और हनुमान घाट की ओर जाने का निर्देश दिया है। बयान में कहा गया है कि दूध, सब्जियां, दवाएं, ईंधन और आपातकालीन वाहनों के परिवहन सहित जरुरी सेवाओं पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक कर्मचारियों जैसे सरकारी कर्मियों की भी आ जा सकेंगे। 26 फरवरी को महाकुंभ मेले का समापन स्नान और महाशिवरात्रि का त्योहार दोनों हैं। इसे देखते हुए भक्तों को अपने निकटतम घाटों पर स्नान करने और भीड़भाड़ से बचने के लिए स्थानीय शिव मंदिरों में पूजा करने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भीड़ के घनत्व के आधार पर पांटून पुलों का प्रबंधन किया जाएगा। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अनावश्यक आवाजाही से बचने और अनुष्ठान पूरा करने के बाद तुरंत अपने गंतव्य पर लौटने का आग्रह किया है।

मेला पुलिस प्रशासन ने सभी आगंतुकों से इन निर्देशों का पालन करने और भव्य धार्मिक आयोजन के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने की अपील की है। मालूम हो कि 12 सालों बाद आयोजित होने वाला यह महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू हुआ था और 26 फरवरी को समाप्त हो रहा है। यूपी सरकार के मुताबिक इसमें 63 करोड़ से ज्यादा तीर्थयात्रियों की आमद दर्ज की गई है। मेला प्रशासन श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि शीघ्रातिशीघ्र निकटस्थ घाट पर स्नान एवं शिवालय में दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करें। सभी पांटून पुलों का संचालन श्रद्धालुओं के भीड़ के दबाव के हिसाब से किया जाएगा।

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